pankaj kumar
Thursday 8 September 2016
रेत पे जैसे मुक़दर लिखा होके रह गयी.. ये ज़िन्दगी जैसे कोई सेहरा होके रह गयी… एक उम्र तक मुझे तेरा इंतज़ार रहा… फिर तू जैसे तमन्ना होके रह गयी…
Sunday 4 September 2016
झूठ कहते है लोग की मोहब्बत सबकुछ छीन लेती है, मैंने तो मोहब्बत करके ग़मों का खजाना पा लिया !!
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